एक शख़्स बे-मिसाल देखा है
नर्गिसी-आंखें, काली पलकें
रंग गोरा ,सुनहरे बाल
रोने पर चेहरा लाल देखा है
वो जो हसें,जग हसे उनकी हंसी में ही
अब किसी एक की हंसी बसे
सूरत से भोली सीरत का कमाल देखा है
क्या दूं उनको मिसाल जिन्हें बे-मिसाल देखा है
हां माना खताएं होती हैं हमसे
भटके हैं हम कई बार पर मेरे
भटकने में भी उन्हें संभालते देखा है
एक शख़्स को बेहतरीन किरदार निभाते देखा है
मन से साफ नियत का सच्चा देखा है
अच्छे अच्छों में भी उन्हें ही अच्छा देखा है
वो है सादगी की मूरत,चेहरे में मेरे
उन्होंने मासूम सा बच्चा देखा है
सुना है वो खफा हैं हमसे आज कल
उम्मीद है वो मान जाएंगे
नाराज़गी का राज़ वो हमें बताएंगे
भूल कर गिले शिकवे वो सारे हमें गले लगाएंगे
✍️ मोहम्मद इरफ़ान