आज के इस जमाने में दीन के साथ-साथ दुनियावी तालीम देना भी ज़रूरी है। ऐसे में ये एक छोटी सी कहानी और पात्र भले ही पूरी तरह से काल्पनिक हों लेकिन ये हमारे समाज में एक आईने की तरह काम करेगी।
उत्तर प्रदेश के जगतपुर के रहने वाले इकबाल हसन महज 12वीं पास तथा उर्दू और अरबी के जानकार हैं। जो की एक आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों की शिक्षा के लिए एक छोटी सी संस्था चलाते हैं।
उन्होंने अपनी बात साझा करते हुए बताया कि उनका मकसद उन बच्चों को शिक्षित करना है जो आर्थिक रूप से बहुत ही कमजोर हैं जिनके पास शिक्षा ग्रहण करने के उच्च संसाधन तथा पैसे नहीं हैं।
इकबाल पिछले 7 सालों से ग्राम सभा द्वारा बनाई गई पुरानी खंडार नुमा इमारत में पढ़ा रहे हैं। जिसमें 2 कमरे मौजूद है। मौजूदा समय में करीब 30 से 35 बच्चे उनके पास शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।
बच्चों की यह संख्या समय-समय पर घटती बढ़ती रहती है।
करीब 20 से ज्यादा बच्चे यहां से पढ़ कर उच्च शिक्षा के लिए अन्य सरकारी तथा प्राइवेट विद्यालयों में जा चुके हैं।
इकबाल द्वारा चलाए जा रहे इस संस्थान में 1 से लेकर 8 तक के बच्चों को पढ़ाया जाता है।
इस संस्थान में हिंदी, अंग्रेजी,उर्दू,अरबी और संस्कृत जैसी भाषाएं पढ़ाई जाती हैं तथा गणित, विज्ञान जैसे विषय की जानकारी भी दी जाती है, इसके साथ साथ बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए खेलकूद का भी खासा इंतजाम किया जाता है।
यहां शिक्षा ग्रहण करने के लिए अन्य प्राइवेट स्कूलों तथा कोचिंग संस्थानों की तरह भारी भरकम फीस की देने की जरूरत नहीं होती है।
यहां फीस की कोई मांग नहीं,यह बच्चों के अभिभावक पर निर्भर करता है अगर वह फीस देने में सक्षम हैं तो ही दें।
इस छोटे से संस्थान की खास बात यह भी है कि यहां हर जाति वर्ग के लोगों के बच्चे आते हैं ना केवल मुस्लिम धार्मिक ग्रंथ बल्कि हिंदू धार्मिक ग्रंथ भी पढ़ाए जाते हैं जिसके लिए इकबाल हसन के साथ साथ उनके बचपन के सहपाठी रहे राजकुमार शुक्ला भी इस संस्थान में पढ़ाते हैं जो कि मौजूदा समय में पंचायत मित्र भी हैं।
पिछले 2 सालों से जैसे जैसे लोगों को पता चल रहा है इस संस्थान के बारे में लोगों से जो कुछ भी हो सकता है संस्थान के हित में वह कर रहे हैं इकबाल हसन ने मुस्कुराते हुए बताया कि अभी पिछले महीने ही ग्राम प्रधान द्वारा बच्चों के बैठने के लिए कुछ सीटें तथा एक अलमारी दी गई थी।
जानकारी साझा करते हुए संस्था के संस्थापक इकबाल हसन ने बताया कि इस संस्था के दिन की शुरुआत हमारे देश के राष्ट्रगान से की जाती है, तथा प्रत्येक त्योहारों पर गंगा जमुनी तहजीब को नजर में रखते हुए बच्चों के द्वारा अन्य अन्य मनोरंजन भरे कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है।