हिंदी भारतीय संस्कृति आत्मा : प्रो. योगेश सिंह

रचयिता द्वारा 20-21 सितंबर 2024 को दिल्ली विश्वविद्यालय के आर्ट्स फैक्लटी में दो-दिवसीय साहित्योत्सव का आयोजन किया। इस साहित्योत्सव में नामी-गिरामी हस्तियाँ शामिल रहीं। कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र का विषय ‘नए भारत में साहित्य और संस्कृति’ रहा। इस सत्र में दिल्ली विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रो. योगेश सिंह, संस्कृति परिषद् के चैयर पर्सन अनूप लाठर(दि.वि.),…

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अच्छा हो जाने में क्या बुरा है…

पहले मैं बुरा थाबहुत बुरा,जैसे किसब होते हैंफिर अच्छा बनने लगाक्योंकि“अच्छा” बनना पड़ता हैफिर बनते-बनतेहोने लगाऔरअंदर कुछबदलने लगाफिर अच्छा होना“अच्छा” लगने लगातो सोचा“अच्छा”हो जाने में क्या “बुरा” है – अभिषेक गुप्ता

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भारत के स्वतंत्रता संग्राम के गुमनाम हुए महान नायक

भारत को आज़ादी एक दिन में नहीं मिली, इसके लिए बहुत संघर्ष करना पड़ा और इसमें कई बहादुर लोग शामिल थे जिन्होंने हमारे देश के लिए खुद को बलिदान करने में दोबारा नहीं सोचा। भारतीय स्वतंत्रता सेनानी वे नायक हैं जिन्होंने हमें ब्रिटिश शासन से मुक्ति दिलाई। कुछ शहीदों को मान्यता मिल गई, कुछ को…

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वक्फ कानून संशोधन विधेयक को लेकर चल रही साम्प्रदायिक राजनीति

गिद्ध को अब मानव के लोथड़े रास आने लगे हैं, वर्तमान में सहजता से यह उपलब्ध भी होने लगे हैं। इस दौर में इंसान और इन्सानियत की हिफ़ाज़त दुरूह कार्य है। लोगों को आपस में लड़ाना अब न तो कठिन रहा, न ही दोषियों को दण्डित किए जाने की सरकार की मंशा ही है। सांप्रदायिकता…

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