अधूरी दास्तान, मोहब्बत की
सुनो गर जो कभी तुम्हे खुद से नफ़रत होने लगे
तो मेरी मोहब्बत याद कर लेना
गर जो कभी खुद की गलतियों पे नदामत होने लगे
तो मेरी मोहब्बत याद कर लेना
माना कि मुश्किल होगा ये सफर हमारा तुम्हारे बिना
पर तुम कभी मुझपर तरस खा कर वापस नहीं आना
हो सकता है अब कभी हमारी मुलाकात नहीं हो
गर कभी होगी भी तो शायद बहुत देर हो चुकी हो
तुम आगे तो बढ़ चुके हो
नया सफर भी शुरू हो चुका होगा
तुम्हारे लिए खुशनुमा है ये
मेरा आगे बढ़ना भी कयामत से बद्तर होगा
✍🏻 मोहम्मद इरफ़ान