जीतने की जिद लग जाए तो मुश्किल होता है लौटना
जीतने की जिद लग जाए तो मुश्किल होता है लौटना
अपना जो रूठ कर जाए तो मुश्किल होता है लौटना
यूं तो महफिलों में मुस्कुरा लेते हैं हजार दफा, मगर
आंखों से निकल जाए आंसू तो मुश्किल होता है लौटना
मंजिल की तलाश में शख्स निकल गए जो एक मर्तबा
मंजिल मिले न मिले तो मुश्किल होता है लौटना
हम तो परिंदे हैं निकले हैं आसमान छूने
न मिले आशियाना तो मुश्किल होता है लौटना
निकल जाए जो एक कश्ती में सवार बिना पतवार
साहिल मिले न मिले तो मुश्किल होता है लौटना
मोहब्बत में हारे हैं कई बाजी प्यार से मगर
जीतने की जिद लग जाए तो मुश्किल होता है लौटना .