समय का पहिया ऐसा पलटा
दिन बीते, बीती रातें
गुजर गया वो ज़माना
जानें कहां गया वो बचपन सुहाना
हम थे हरफनमौला
ना फिक्र थी क्या नया क्या पुराना
जो मिला सब को अपना माना
जानें कहां गया वो बचपन सुहाना
हैं कई यादें, है यादों का खज़ाना
याद आता है वो ज़िद पर
दादी, नानी का किस्सा सुनाना
जानें कहां गया वो बचपन सुहाना
दामन पर दाग ना था
दिल में दिमाग ना था
आदत थी हर बात पर मुस्कुराना
जानें कहां गया वो बचपन सुहाना
गर जो है बचपन, खुशकिस्मत हो
जी लो इसे, बीत गया जो ये
कल को ना हो पछताना
जानें कहां गया वो बचपन सुहाना.
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