उफ़, याद क्यों नहीं आ रहा

क्या shop no. बताया था दीदी ने स्नेहा market की तरफ जाते हुए सोच रही थी। तभी दीदी की call आती है और वो पूछती हैं क्या तुमने वो वो exchange किया? (a short story)
हां दीदी बस जा ही रही हूं वैसे आपने क्या Number btaya था shop का, जिस वक्त दीदी से स्नेहा ने ये सवाल किया उस समय market में शोर मचा था दीदी ने shop का नाम बताया और फोन रख दिया।
स्नेहा थोड़ी दूर चलने के बाद शॉप पर पहुंची वहां shop पर काम कर रहे एक लड़के से कहा ये (गाउन frock)
इसी shop से लिया गया था। इसमें थोड़ा size का issue है आप इसे change करके दूसरा दे दें।
लड़के ने कपड़े को हाथों में लिया थोड़ी देखा फिर बोला maam ये हमारी दुकान का नहीं है।


पर स्नेहा ने उसे यकीन दिलाते हुए कहा ये इसी दुकान का है इसी पर दोनों में बात बढ़ गई और देखते ही देखते बात बहस में बदल गई।
तभी वहां रौनक आया जो की shop owner का लड़का था। और वह ये सब पहले से ही देख रहा था फिर भी उसने पूछा क्या हुआ बात क्या है?
लड़के ने कहा देखें ना रौनक भैया हम कह रहे हैं ये हमारी दुकान का नही है फिर भी ये madam मानने को तैयार ही नही हैं।रौनक ने स्नेहा की तरफ मुस्कुराते हुए देखा और लड़के से कहा madam जो कह रही हैं कर दो।
पर रौनक भैया! ये तो अपनी दुकान का है ही नहीं फिर कैसे? पर वर कुछ नहीं जो madam कह रही हैं कर दो।


लड़का exchange करके ले आया पैक करके दिया तो जाते वक्त रौनक से स्नेहा को अपना card देते हुए कहा maam आपको इतना misbehave नही करना चाहिए था। स्नेहा ने उसकी बात काटते हुए कहा इस कार्ड का मैं क्या करूंगी?तब रौनक ने मुस्कुराते हुए कहा maam रख लें इसकी जरूरत आपको पड़ेगी।
स्नेहा वापस घर आई चेहरा गुस्से से लाल था दीदी के पूछने पर उसने सारी बातें बताई, तब दीदी ने उससे कहा पहले तुम शांत हो जाओ आराम से बैठो और ये बताओ दुकान किस गली में थी?


स्नेहा ने दीदी से बताया तब उसे पता चला की वह सच में गलत दुकान पर चली गई थी, तब वह सोचने लगी उसने कितना misbehave किया था उन दोनो से वह उसपर मन ही मन पछता रही थी।
तभी उसे रौनक की वह बात समझ आई की उसने कार्ड देते वक्त ये क्यों कहा था की आपको इसकी जरूरत पड़ेगी क्योंकि उसे पता था कि स्नेहा गलती से इस दुकान में आ गई है।
उसकी बैग से वह कार्ड निकाला उसके लेकर अपने कमरे में चली गई। स्नेहा ने सोचा की उसे रौनक के number पर call करके Sorry कहना चाहिए पर हिम्मत नहीं हो रही थी। फिर हिम्मत करके call की उधर से रौनक की Hello,Hello की आवाज आ रही थी पर स्नेहा खुद के उस behaviour पर इतना पछता रही थी की कोई अल्फाज नही निकला और उन फोन रख दिया।

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