हिन्द से बने है हिंदी, हिंदी से हम
हमसे बने है हिंदुस्तान
आन, मान, मर्यादा सब का रखे ध्यान
हिंदी से मिलती हमें एक अलग पहचान
नफरत की तीखी गोली में
ये अमृत सी मीठी बोली लाए
दीन-हीन को गले लगाना सिखाए
भटके मुसाफिरों को सही रास्ता दिखाए
जब-जब हवा में हिंदी की ख़ुशबू आए
अंग्रेजी की अकड़ से जब टकराए
चूर गुरूर तब फिरंगी का हो जाए
मुल्क मे लोगों को अमन का पाठ पढ़ाए
ख़ुश-नसीब हैं हम जो इस जहां में आए
हिंदी जहाँ की मातृभाषा कहलाए।
✍🏻 मोहम्मद इरफ़ान