गहरी बातें गहरे लोग
गहरी बातें, गहरे लोगअंधेरी रातें, ठहरे लोग झुकी निगाहें देखें चरों ओरसहमी सी सांसें, मचाएं शोर बताओ अब रहा नकिसी का किसी पर जोर हम क्या खाक मचाएं शोरजब अपने ही निकले काले चोर
गहरी बातें, गहरे लोगअंधेरी रातें, ठहरे लोग झुकी निगाहें देखें चरों ओरसहमी सी सांसें, मचाएं शोर बताओ अब रहा नकिसी का किसी पर जोर हम क्या खाक मचाएं शोरजब अपने ही निकले काले चोर