तू सही मैं गलत, तू एक मैं अलग

तू सही मैं गलततू एक मैं अलगतू अंधेरी रात का चांदमैं चांद में लगे दाग़ सा तू हक़ीक़तमैं ख़्वाब सातू मधुर गीतमैं बदसुरे राग सा तू जलता सूरजमैं बुझे चिराग़ सातू शहजादीमैं गरीब नवाब सा तू रह होश मेंमुझे करके बेहाल जरातू रख ख्याल जरामुझे छोड़ दे मेरे हाल जरा कैसा तेरा मेरा वास्ताअलग है…

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कौन जाने कब क्या होगा

कौन जाने कब क्या-क्या होगाकिस्मत का लिखा किसे पता होगा किसी के सर सजेगा सेहराकोई कफ़न में लिपटा होगा दाएं से उठेगी डोली किसी कीबाएं किसी का जनाजा होगा बाद वक्त,किसी के घर गूंजेगी किलकारियांकिसी के घर आज भी मातम पसरा होगा किसी का लाल टहलेगा आँगन में, तब तकएक मां का चाँद बादलों में…

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