चुनाव आते ही आ जाते हैं नेता जी

चुनाव आते ही दरवाजों पर आ जाते हैंकट्टरता के पुजारी भी रहम खा जाते हैंऔरों को हिन्दू-मुस्लमान का पाठ पढ़ाखुद मजहबी टोपी पहना जानते हैं यूँ तो सरेआम फैलाते हैं नफरतबटोगे तो कटोगे का नारा हमें दे जाते हैंबात जब खुद की कुर्सी पर आ जाये तो,झुकाकर सर, कलमा भी पढ़ा जाते हैं सालों साल…

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चुनाव आते ही आ जाते हैं नेता जी

चुनाव आते ही आ जाते हैं नेता जी, अजनबियों को भी गले लगा जाते हैं नेता जी आज की राजनीति और बीते जमाने की राजनीति में कुछ ज्यादा फर्क नहीं नजर आता। बस पहले नेताओं द्वारा किये जा रहे संबोधन को भाषण मानते थे और आज लोग नेताओं के भाषण को जुमला मानते हैं। खैर…

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