अधूरी दास्तान

अधूरी दास्तान, मोहब्बत की सुनो गर जो कभी तुम्हे खुद से नफ़रत होने लगेतो मेरी मोहब्बत याद कर लेनागर जो कभी खुद की गलतियों पे नदामत होने लगेतो मेरी मोहब्बत याद कर लेना माना कि मुश्किल होगा ये सफर हमारा तुम्हारे बिनापर तुम कभी मुझपर तरस खा कर वापस नहीं आनाहो सकता है अब कभी…

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मन की आंखों से देखें सब दिखेगा…

ये मौसम ये वादियां ये कोह ये नज़ारेखुदा ने ज़मीं पर हम सब के लिए उतारेये लहरें ये जलतरंग ये बहर ये बहारेंखुदा ने ज़मीं पर हम सब के लिए उतारे ये दरिया ये भँवर ये कश्ती ये किनारेख़ुदा ने ज़मीं पर हम सब के लिए उतारेये चाँद ये सूरज ये रौशन ये सितारेख़ुदा ने…

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