बातें लखनऊ की

ए लखनऊ तेरी हवाओं में भी नज़ाकत बहती है
इस शहर में रहने भर से वाबाओं से शिफ़ा मिलती है

आप जनाब का है तरीका अदब से बातें करते हैं लोग
इमारतें हैं आ’ला देखने भर से चेहरों पर मुस्कान खिलती है

जो आते हैं दूर-दराज़ से मुसाफ़िर यहीं के हो जाते
यहां की चमक-धमक में भी एक सादगी सी रहती है।

✍🏻मोहम्मद इरफ़ान

https://www.rekhta.org/nazms/lucknow-firdaus-e-husn-o-ishq-hai-daamaan-e-lucknow-asrarul-haq-majaz-nazms?lang=hi

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