सूखे दरख्तों को अब हरा होना होगा
डूबती कश्ती को किनारे खड़ा होना होगा
छोड़ो ये डर ये बुज़दिली ये दर्द में रहना
जंग जो लड़नी है तो जाँबाज़ होना होगा
वक़्त है ख़्वाबों को हक़ीक़त में बदलने का
नाज़ुक कलाई कमज़ोर कंधों को मजबूत होना होगा
कर लिया इंतिज़ार अँधेरे के हटने का
अब सितारों को रौशनी में होना होगा
कब तक रखोगे क़ैद में बेजुबानो को
अब परिंदों को आज़ाद होना होगा
जंग जो लड़नी है, जाँबाज़ होना होगा